कुरुक्षेत्र। भारतीय जनसंचार संस्थान (भारत सरकार) के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि हमें अपने मीडिया को मूल्यों, सिद्धांतों और आदर्शों के साथ खड़ा करना होगा, तभी समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत निर्माण का स्वपन पूरा हो सकेगा। पत्रकारिता का उद्देश्य लोक मंगल होना चाहिए। हमें समाज को तनाव मुक्त करना है, इसलिए विपरीत परिस्थितियों में भी काम करते हुए पत्रकारों को तनाव से बचना होगा। वे प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय कुरुक्षेत्र के राजयोग सेंटर में पत्रकारों के तनाव प्रबंधन हेतु राजयोग मेडिटेशन सेमिनार में बतौर मुख्यातिथि विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश और समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए मीडिया कर्मियों को सक्रिय पहल करनी होगी। यह तभी संभव है, जब मीडिया कर्मी अपने तन और मन को तनाव मुक्त करने के लिए रोजाना दिनचर्या में मेडिटेशन के लिए कुछ समय निकाले। उन्होंने कहा कि जिस तरह नारद जी की बात पर देवता, दानव और ऋषिजन विश्वास करते थे, ठीक उसी तरह पत्रकारों को भी अपनी विश्वसनीयता बनानी होगी। महानिदेशक ने महत्वपूर्ण टिप्स देते हुए कहा कि अपनी जान जोखिम में डाल कर 24 घंटे और बिना किसी अवकाश के काम करने वाले पत्रकारों को अहंकार से भी बचना चाहिए। अहंकार से हमारे तन और मन दोनों का नुकसान होता है। यहां तक कि यदि हम काम से घर लौटते वक्त भी तनावयुक्त होंगे, तो इसका असर हमारी पारिवारिक जिंदगी पर भी पड़ेगा। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के 75वें अमृत महोत्सव को समर्पित इस सेमिनार का उद्देश्य तभी पूर्ण होगा, जब सभी पत्रकार एकजुट और सकारात्मक होकर कार्य करेंगे। द्विवेदी ने कहा कि देश की आजादी की शताब्दी आने में जो 25 वर्ष शेष है, उनमें हमें अपनी कार्यक्षमता दिखानी होगी क्योंकि आने वाली पीढ़ी इसके लिए हम से जवाब मांगेगी। इससे पहले मुख्यातिथि संजय द्विवेदी, ब्रह्माकुमारीज संस्थान दिल्ली के राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक एवं सेमिनार की अध्यक्षता कर रहे बीके सुशांत, केंद्र की प्रभारी बीके सरोज बहन और विशिष्ट अतिथियों भारतीय पत्रकार सुरक्षा संघ ट्रस्ट के संस्थापक इंजी. देवेश मिश्रा, राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश कुमार विश्वकर्मा, राष्ट्रीय सलाहकार डा. विभुरंजन व प्रयागराज के जिला अध्यक्ष विपिन त्रिपाठी ने दीप प्रज्जवलित करके किया। मंच का संचालन बीके मधु बहन और भारतीय पत्रकार सुरक्षा संघ ट्रस्ट के राष्ट्रीय प्रवक्ता जसबीर सिंह दुग्गल ने किया। सेमिनार के दौरान राजयोग का अभ्यास बीके राधा बहन ने करवाया। छात्रा तनवी ने गीत पर नृत्य प्रस्तुत कर सभी अतिथियों का स्वागत किया। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय जनसंचार विभाग के सीनियर फकैल्टी डा. आबिद अली, डा. संत लाल, संत कुमार, हरिकेश पपोसा, राजकुमार सैनी, प्रेस क्लब कुरुक्षेत्र के प्रधान रामपाल शर्मा, अजय जौली, अशोक यादव, भेखानंद वर्धन, विकास बत्तान, राजेश वधवा, तरुण वधवा, देवीलाल बारना, सुखबीर सैनी, कुलतार बुद्धवार, मनोज वर्मा, दीपक शर्मा, तुषार सैनी, विनोद चौधरी, अक्षय मिड्ढा, मनीष सिंधवानी, नरेश गर्ग, दिलबाग सिंह, अरविंद्र सिंह, राजेश शर्मा, पीएल वर्मा, भारत भूषण, सरबजोत सिंह दुग्गल, हिमशिखा, एकजोत, गुरजोत, सिमरन ने पगड़ी पहनाकर और फूल मालाएं डालकर अतिथियों का स्वागत किया।
ब्रह्माकुमारीज संस्थान दिल्ली के राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक एवं सेमिनार की अध्यक्षता कर रहे बीके सुशांत ने कहा कि पश्चिमी संस्कृति को अपनाते हुए आज हम फिर से गुलाम मानसिकता का शिकार हो रहे है। मगर भारत को आत्मनिर्भर बनाने से पहले देश के हर नागरिक को आत्मनिर्भर होना होगा। पत्रकारिता में अध्यात्मिकता का प्रवेश करके ही पत्रकार समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभा सकते है। पत्रकारों को समस्याओं की तह तक जाते हुए उसका कारण और निवारण प्रस्तुत करना होगा। अध्यात्मिकता के द्वारा आत्मबल बढ़ाना होगा। आत्मशक्ति को जागृत करते हुए पत्रकार अपने खोए हुए सुख और शांति को प्राप्त कर सकते है। दया और करूणा को जागृत कर मीडिया कर्मी अध्यात्मिकता के द्वारा अपने जीवन में ओर सुधार ला सकते है।
विशिष्ट अतिथि भारतीय पत्रकार सुरक्षा संघ ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष इंजी. देवेश मिश्रा ने पत्रकारों से आह्वान किया वे एकजुट होकर सकारात्मक पत्रकारिता करे, तभी वे तनाव मुक्त जीवन यापन कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता का उद्देश्य धन अर्जित करना नही, अपितु देश व समाज की सेवा करना होना चाहिए। ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश कुमार विश्वकर्मा ने ट्रस्ट की उपलब्धियों और गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए पत्रकारों को ट्रस्ट से जुड़ने का आह्वान किया। ट्रस्ट के राष्ट्रीय सलाहकार डा. विभुरंजन ने कहा कि अक्सर लोग कहते है कि तनाव तो स्वाभाविक है। मगर तनाव स्वाभाविक नही, परिस्थिति व परिवेश का फल होता है। इसलिए पत्रकारों को अपनी इच्छाओं, तृष्णाओं और अहंकार पर सयंम रखते हुए काम करना चाहिए।
केंद्र की प्रभारी बीके सरोज बहन ने आए हुए सभी अतिथियों का अभिनंदन करते हुए कहा कि पत्रकारों को तनाव मुक्त रहने के लिए आंतरिक आत्मिक, नैतिक एवं अध्यात्मिक शक्तियों को बढ़ाने की आवश्यकता है। मन और बुद्धि के रूहानी जोड़ से ही वे तनाव मुक्त रहकर समाज के लिए हितकारी साबित हो सकते है। अपनी सकारात्मक पत्रकारिता से वे समाज व जनता में सकारात्मक एवं तनाव रहित दशा और दिशा प्रदान कर सकते है। उन्होंने केंद्र की ओर से आए हुए सभी अतिथियों और पत्रकारों को स्मृति चिह्न प्रदान किए। इस अवसर पर सोहन लाल, रामकुमार, अशोक कुमार, विजय वधवा, अनिल धीमान, राजेंंद्र बजाज, मंजीत शास्त्री, शिवलाल चालिया, चंद्र अग्रवाल, योगेश शर्मा, अरविंद शर्मा, प्रमोद कौशिक, रजत शर्मा, राहुल शर्मा, विक्रम सिंह, नवोदित, अजय ठाकुर, सुरेश भारती, डा. चूहड सिंह, रामगोपाल गुप्ता, विजय कौशिक, मक्खन शर्मा, राजेश शर्मा, विशाल शर्मा, राकेश शर्मा, रामकुमार सैनी, रक्षित बंसल, वैभव चावला, जसकिरत सिंह, राजेंद्र सिंह, विशाल गौड़, बलबीर सिंह, शिवचरण तंवर, कुलवंत सिंह, जसवंत सिंह, अतुल, विशाल अग्रवाल, जसवंत पाहवा सहित जिला भर के सैकड़ों पत्रकार साथी मौजूद रहे